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EXPLAINED : कैसे अन्तरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स जो कि भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है जैसे कि सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने वाली महिला का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है, और इसके अलावा सबसे ज्यादा समय तक स्पेसवॉक करने वाली महिला भी सुनीता विलियम्स ही है।

हाल ही में सुनीता विलियम्स बोइंग टेस्ट फ्लाइट के दौरान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गई है, लेकिन जिस स्पेसक्राफ्ट में वह अंतरिक्ष में गई है उसमें कई गड़बड़ियां देखने को मिली है। जिसकी वजह से सुनीता विलियम्स और उनके साथ गए कमांडर विलमोर को वही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ही रुकना पड़ रहा है।

नासा बार-बार उनके पृथ्वी पर लौटने की तारीख को आगे बढ़ा चुका है, लेकिन हर बार उनके स्पेस स्टेशन से रवाना होने के कार्यक्रम को टाल दिया जाता है क्योंकि हर बार स्पेसक्राफ्ट में कोई ना कोई गड़बड़ी देखने को मिल जाती है। यहां पर अंतरिक्ष यात्रियों की जान से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता इसीलिए पिछले करीब 25 से भी ज्यादा दिनों से दोनों अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर ही फंसे हुए हैं।

आखिर सुनीता विलियम्स और उनके साथी धरती पर कब और कैसे लौटेंगे?
कौन सा स्पेसक्राफ्ट है जो इतनी गड़बड़ियों के बावजूद भी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेस स्टेशन तक गया था?
आखिर क्या वजह है की अंतरिक्ष यात्री अभी वापस नहीं आ सकते?
क्या उनकी वापसी में कोई खतरा है? और क्या सच में सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में फंस चुकी हैं?
जानेंगे आज के आर्टिकल में

सुनीता विलियम्स

क्या है अमेरिका-रूस विवाद?

स्पेस स्टेशन को दुनियां के पांच बड़े देश मिलकर चलाते हैं जिनमें अमेरिका की अन्तरिक्ष एजेंसी नासा और रूस की अन्तरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का योगदान सबसे बड़ा है। इनके अलावा जापान की JAXA, यूरोप की ESA और कनाडा की CSA अन्तरिक्ष एजेंसी भी इस अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बड़े भागीदार हैं।

अन्तरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन तक लेकर जाने के लिए अभी तक रूस के Soyuz राकेट और अमेरिका के स्पेस शटल का उपयोग होता रहा था। लेकिन 21 जुलाई 2011 को नासा नें अपना स्पेस शटल प्रोग्राम बंद कर दिया और सभी स्पेस शटल को रिटायर कर दिया। इसके बाद से अन्तरिक्ष यात्रिओं के स्पेस स्टेशन तक जाने और उनके लिए जरूरी सामान स्टेशन तक पहुंचाने के लिए रूस के सोयुज़ राकेट का ही इस्तेमाल किया जाने लगा। जिससे अमेरिका और बाकि सभी देशों की निर्भरता रूस पर बहुत ज्याद बढ़ गयी थी।

इस निर्भरता को ख़त्म करने के लिए अमेरिका काफी समय से प्रयास कर रहा था लेकिन जब फरवरी 2022 में रूस नें यूक्रेन पर हमला किया टो सभी देश रूस से नाराज़ थे। ये नाराज़गी इस हद तक बढ़ गई कि इसकी आंच अन्तरिक्ष में चक्कर काट रहे स्पेस स्टेशन तक जा पहुंची। अमेरिका और बाकि देश रूस से अपने सारे सम्बन्ध तोडना चाहते थे लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था, क्योंकि अगर सभी देश स्पेस स्टेशन की बात पर सम्बन्ध तोड़ते हैं तो अन्तरिक्ष यात्रिओं को वापिस लाने का कोई विकल्प अभी अमेरिका और बाकी देशो के पास नहीं था।

इस घटना के बाद से अमेरिका नें रूस से अपनी निर्भरता को ख़त्म करने पर जोर दिया और अपने देश की बड़ी कम्पनियों को अन्तरिक्ष यान विकसित करने को कहा। इस बीच अमेरिका की 2 बड़ी कम्पनियां हवाई जहाज निर्माता कंपनी बोइंग और एलोन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स नासा के पास आई और अपना प्लान सामने रखा।

स्पेस एक्स नें अन्तरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन तक ले जाने के लिए ड्रैगन नाम के अन्तरिक्ष यान को विकसित किया जोकि कई सफल उड़ानें कर चुका है। बोइंग नें स्टारलाइनर नामक अन्तरिक्ष यान विकसित किया जोकि अभी टेस्ट उड़ाने ही कर रहा था।

इस तरह से अमेरिका नें रूस के ऊपर से अपनी निर्भरता को ख़तम किया और अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा को अपने ही देश में से अन्तरिक्ष यात्रिओं को लांच करने का विकल्प मिल गया है।

क्या है टेस्ट फ्लाइट मिशन

बोइंग कंपनी नें जो स्टारलाइन नाम का अन्तरिक्ष यान विकसित किया है वो अभी टेस्ट फेस में है। अभी अन्तरिक्ष यान को व्यापक रूप से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। बोइंग नें अपनी पहली मानवीय टेस्ट फ्लाइट को 5 जून 2024 को अंजाम दिया। जिसमें नासा के अंतरिक्षयात्री बैरी विल्मोरे और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स स्पेस स्टेशन पर गये हैं।

ये अन्तरिक्ष यान शुरू से ही परेशानियों से घिरा रहा। स्टारलाइन स्पसक्रेफ्ट को लॉन्च करने के मक्सद से 16 अप्रैल 2024 को ही एटलस लांच व्हीकल के साथ जोड़ दिया गया था जिसे 7 मई 2024 को लांच किया जाना था, लेकिन लॉन्च से सिर्फ 2 घंटे पहले ही ऑक्सीजन वाल्व में प्रॉब्लम के चलते लॉन्चिंग को रोक दिया गया। इसके बाद लगातार राकेट के लॉन्च को हीलियम लीक की वजह से टाला जाता रहा।

दूसरी बार 1 जून 2024 को इस स्पसक्रेफ्ट को लांच करने की कोशिश की गई लेकिन उस दिन भी लॉन्च से महज 3 मिनट और 50 सेकंड पहले ही पॉवर सप्लाई में गड़बड़ी के चलते लांच को रोक दिया गया। लेकिन आखिरकार 5 जून 2024 को तीसरी बार इस अन्तरिक्ष यान को सफलतापूर्वक लांच कर दिया गया।

इस स्पसक्रेफ्ट को यूनाइटेड लॉन्च अलायन्स के एटलस 5 राकेट से लॉन्च किया गया है, लेकिन सफल लॉन्च के बाद भी राकेट में हीलियम लीक होने की प्रॉब्लम को नोटिस किया गया। एटलस 5 राकेट पर कुल 28 थ्रस्टर लगे हुए है जिनमे से 5 थ्रस्टर हीलियम लीक होने की वजह से बंद पड़ गये। लेकिन इस घटना को ज्यादा महत्त्व नहीं दिया गया।

स्टारलाइन आखिरकार कुछ देरी और इंतजार के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ सफलतापूर्वक जुड़ जाता है और हमारे अन्तरिक्ष यात्री स्टेशन पर पहुँच जाते हैं।

स्पेस स्टेशन पर अन्तरिक्ष यात्रियों को कुल 8 दिन के मिशन के लिए भेजा गया था पर स्पसक्रेफ्ट में आ रही गड़बडी की वजह से अन्तरिक्ष यात्रिओं को दुबारा से धरती पर नहीं लाया गया है।

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क्या सुनीता विलियम्स अन्तरिक्ष में फंस चुकी हैं?

सुनीता विलियम्स इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं और बिलकुल सुरक्षित हैं। नासा का कहना है कि स्पेस स्टेशन पर अभी सभी अन्तरिक्ष यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उनके खाने पीने का पूरा इंतजाम स्पेस स्टेशन पर भरपूर मात्र में है। अगर आपातकालीन परिस्थिति में अन्तरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन से निकलना पड़ता है टो उसके भी पर्याप्त इंतज़ाम नासा के पास मौजूद हैं।

सुनीता विलियम्स अन्तरिक्ष के अन्धकार में नहीं हैं बल्कि एक सुरक्षित स्थान पर मौजूद हैं लेकिन नासा 2 बार उनकी वापसी को रद्द कर चुका है जिसकी वजह से लोगों में डर का माहौल बन गया है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। पहली बार 14 जून को स्टारलाइन को वापसी आना था लेकिन फिर वही लीक की वजह से प्लान को बदलना पड़ा। इसके बाद 26 जून 2024 को वापसी तय की गई लेकिन उस दिन भी मिशन टाल दिया गया और अब अनिश्चित काल के लिए ये मिशन रुक चुका है।

नासा का कहना है कि वो अन्तरिक्ष यात्रियों को वापिस ला सकते हैं लेकिन वो किसी भी अनहोनी से बचने के लिए पहले पूरी तरह से सुनिश्चित करना चाहते हैं की आखिर गड़बड़ी कहाँ पर हो रही है। नासा और बोइंग के इंजिनियर पूरी तरह से इस मिशन पर लगे हुए हैं।

सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर वापस कब आएँगी?

नासा और बोइंग का कहना है कि जब तक सब कुछ सही से समझ नहीं लिया जाता तब तक अन्तरिक्ष यात्रियों को वापिस लाने का कोई प्लान नहीं है। स्पेस स्टेशन पर अन्तरिक्ष यात्रियों के पास पर्याप्त खाना मौजूद है और हर प्रकार का जरुरत का सामान भरपूर मात्रा में है।

हालांकि अभी इस मिशन को 90 दिनों तक बढ़ा दिया गया है, और अगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकलता है तो स्पेस एक्स के ड्रैगन और या फिर रूस के सोयुज़ स्पसक्रेफ्ट से अन्तरिक्ष यात्रियोंन को वापिस लाया जा सकता है। फिलहाल नासा के दोनों अन्तरिक्ष यात्री बिलकुल सुरक्षित हैं।

अन्तरिक्ष में अभी कितने लोग मौजूद हैं?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहले से पांच लोग मौजूद थे। बोइंग के क्रू टेस्ट फ्लाइट के बाद स्पेस स्टेशन पर 2 अन्तरिक्ष यात्रिओं की संख्या और बढ़ गई है जिससे की International Space Station पर अंतरिक्ष यात्रियों की कुल संख्या 7 हो गई है।

इसके अलावा चाइना के स्पेस स्टेशन तियेंगोंग पर चीन के 3 अन्तरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
यानि की इस समय अन्तरिक्ष में कुल 10 लोग मौजूद हैं।

क्या सुनीता विलियम्स अन्तरिक्ष में फंस चुकी हैं?

नहीं, सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर सुरक्षित हैं।

सुनीता विलियम्स किस मिशन पर स्पेस स्टेशन गई हैं?

सुनीता विलियम्स बोइंग के क्रू टेस्ट फ्लाइट मिशन पर हैं जोकि बोइंग कंपनी के अन्तरिक्ष यान को टेस्ट करने के लिए हैं।

स्पेस में अभी कितने लोग मौजूद हैं?

स्पेस में अभी कुल 10 लोग मौजूद हैं। 7 लोग ISS पर हैं और 3 लोग चीन के Tiangong स्पेस स्टेशन पर मौजूद हैं।


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